सिरसा के मनदीप बराड़ ने समाज को दिया प्रेरणादायक संदेश, बिना दहेज शादी कर पेश की मिसाल
मनदीप सिंह बराड़ ने अपने बड़े भाई चमकौर सिंह बराड़ और पिता सुखदेव सिंह बराड़ की सहमति से यह निर्णय लिया कि शादी में किसी प्रकार का दहेज नहीं लिया जाएगा। वधू पक्ष की ओर से न नकद राशि, न ही अन्य कोई उपहार स्वीकार किया गया।
हरियाणा के सिरसा जिले के गांव मिठनपुरा निवासी और बिजली विभाग में कर्मचारी मनदीप सिंह बराड़ ने बिना दहेज शादी कर समाज में एक नई मिसाल कायम की है। उनकी शादी 14 दिसंबर को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गांव प्रतापपुरा की रसप्रीत कौर के साथ संपन्न हुई। इस शादी ने दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है।
दहेज के बिना हुई सादगीपूर्ण शादी
मनदीप सिंह बराड़ ने अपने बड़े भाई चमकौर सिंह बराड़ और पिता सुखदेव सिंह बराड़ की सहमति से यह निर्णय लिया कि शादी में किसी प्रकार का दहेज नहीं लिया जाएगा। वधू पक्ष की ओर से न नकद राशि, न ही अन्य कोई उपहार स्वीकार किया गया। यह शादी न केवल सादगीपूर्ण थी, बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में एक कदम भी मानी जा रही है।
शिक्षित परिवार ने दिखाई नई राह
मनदीप सिंह बराड़ का परिवार शिक्षित और प्रगतिशील विचारधारा वाला है। मनदीप खुद हरियाणा सरकार के बिजली विभाग में नौकरी करते हैं और साथ ही खेतीबाड़ी और व्यापार से भी जुड़े हैं। उनका कहना है कि दहेज प्रथा समाज के लिए एक बड़ा अभिशाप है और इसे खत्म करने के लिए सभी को अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए।
वधू पक्ष का सहयोग और खुशी
रसप्रीत कौर, जो कि प्रतापपुरा निवासी हरविंदर सिंह संधू की बेटी हैं, ने इस शादी को अपने लिए गर्व का पल बताया। वधू पक्ष ने भी बिना दहेज शादी का समर्थन करते हुए इसे एक आदर्श विवाह बताया। शादी के दौरान दोनों परिवारों ने आपसी सहयोग और खुशी के साथ इस नए रिश्ते को अपनाया।
समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण
मनदीप सिंह बराड़ ने कहा, “हमारी नई पीढ़ी को दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। यह एक सामाजिक बुराई है, जिसे समाप्त करना हमारी जिम्मेदारी है। मैंने यह कदम उठाया है ताकि समाज में अन्य लोग भी प्रेरित हों।” इस शादी में सिर्फ नजदीकी रिश्तेदार और परिवार के सदस्य शामिल हुए। समारोह में दिखावा नहीं किया गया और न ही किसी प्रकार की भव्यता का प्रदर्शन किया गया। यह शादी बताती है कि सादगी के साथ भी वैवाहिक जीवन को शुरुआत दी जा सकती है।
दहेज प्रथा के खिलाफ बढ़ते कदम
भारत में दहेज प्रथा एक लंबे समय से चली आ रही सामाजिक समस्या है। हालांकि, ऐसे उदाहरण यह बताते हैं कि समाज में बदलाव संभव है। मनदीप सिंह बराड़ और उनके परिवार ने अपने इस कदम से यह साबित किया कि खुशहाल शादी के लिए दहेज की जरूरत नहीं होती। मनदीप सिंह बराड़ की इस पहल को समाज के विभिन्न वर्गों से सराहना मिल रही है। यह शादी न केवल सिरसा जिले बल्कि अन्य इलाकों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन गई है।